काली मिर्च का भाव विभिन्न कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे गुणवत्ता, किस्म, और बाजार का स्थान, आयात – निर्यात , मांग , क्वालिटी आदि पर । यहाँ आप अपने राज्य और जिला मंडी के अनुसार इसका भाव देख सकते है ।
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राजस्थान में काली मिर्च का भाव जानें
राजस्थान में काली मिर्च का भाव अलग-अलग जगहों और विक्रेताओं के अनुसार भिन्न होता है, लेकिन आप औसत 655 रु से 995 रु प्रति किलो के बीच काली मिर्च मिलता है।
महाराष्ट्र में काली मिर्च का भाव कितना चल रहा
जिला / जगह का नाम | प्रति किलो / क्विंटल |
मुंबई मे मध्यम काली मिर्च | 71300 रु प्रति क्विंटल |
पथरी में मध्यम | 72000 रु प्रति क्विंटल |
पुसद में मध्यम | 71200 रु प्रति क्विंटल |
हिंगणघाट में मध्यम | 69500 रु प्रति क्विंटल |
गंगापुर में मध्यम | 69550 रु प्रति क्विंटल |
जालकोट में मध्यम | 68850 रु प्रति क्विंटल |
दर्यापुर में मध्यम | 71100 रु प्रति क्विंटल |
घटनजी में मध्यम | 71350 रु प्रति क्विंटल |
यवतमाल में मध्यम | 71250 रु प्रति क्विंटल |
जामखेड में मध्यम | 69955 रु प्रति क्विंटल |
हिंगोली में मध्यम | 70000 रु प्रति क्विंटल |
मेहकर में मध्यम | 70500 रु प्रति क्विंटल |
केरल में काली मिर्च का भाव
जिला / जगह का नाम | प्रति क्विंटल / किलो |
कूथुपराम्बा में मध्यम | 64000 रु प्रति क्विंटल |
पय्यान्नुर में मध्यम | 63000 रु प्रति क्विंटल |
पेरूमबाऊर में मध्यम | 64050 रु प्रति क्विंटल |
थ्रीशूर में मध्यम | 66500 रु प्रति क्विंटल |
तलशसेररी में मध्यम | 65300 रु प्रति क्विंटल |
पुलपल्ली में मध्यम | 64950 रु प्रति क्विंटल |
मंजेरी में मध्यम | 61955 रु प्रति क्विंटल |
कालपेट्टा में मध्यम | 68500 रु प्रति क्विंटल |
कुत्तुर में मध्यम | 58220 रु प्रति क्विंटल |
कंजंनगाड़ू में मध्यम | 55100 रु प्रति क्विंटल |
कट्टाप्पाना में मध्यम | 65050 रु प्रति क्विंटल |
कन्नूर में मध्यम | 63000 रु प्रति क्विंटल |

कर्नाटक में काली मिर्च का भाव
जिला / जगह का नाम | प्रति क्विंटल / किलो |
सागरा में मध्यम | 63150 रु प्रति क्विंटल |
सिर्सी में मध्यम | 64650 रु प्रति क्विंटल |
विराजपेठ में मध्यम | 65650 रु प्रति क्विंटल |
यल्लापुर में मध्यम | 64200 रु प्रति क्विंटल |
सिदपुर में मध्यम | 65370 रु प्रति क्विंटल |
काली मिर्च के बारे में
काली मिर्च, जिसे “पिप्पली” या “ब्लैक पेपर” कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण मसाला है जो विश्वभर में उपयोग किया जाता है। यह पाइपर नाइग्रम पौधे के सूखे फल से प्राप्त होती है और इसका मुख्यत: उपयोग खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। काली मिर्च को प्राचीन समय से ही एक औषधीय मसाले के रूप में भी उपयोग किया जा रहा है। यह मसाला अपने तीव्र स्वाद और स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध है।
काली मिर्च में पाइपरिन नामक सक्रिय घटक पाया जाता है, जो इसे मसालेदार और तीखा बनाता है। यह तत्व शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा रहता है और पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। काली मिर्च खाने से पेट में गैस, अपच और सूजन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। यह पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होती है, क्योंकि यह लिवर और पेट के अंगों की गतिविधियों को उत्तेजित करती है।
इसके अलावा, काली मिर्च वजन घटाने में भी सहायक होती है। इसमें कैलोरी बर्न करने और शरीर की चर्बी को कम करने की क्षमता होती है। इसका सेवन मेटाबोलिज्म को सक्रिय करता है, जिससे शरीर फैट को जल्दी जलाता है। इसके अलावा, काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।

काली मिर्च का सेवन सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं में भी प्रभावी साबित होता है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और सर्दी-जुकाम में आराम प्रदान करते हैं। चाय में काली मिर्च डालकर पीने से गले की खराश और खांसी में राहत मिलती है।
इसके अतिरिक्त, काली मिर्च त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करती है और त्वचा को चमकदार बनाती है। कुछ आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका उपयोग किया जाता है, जो शरीर को शुद्ध करने और विभिन्न बिमारियों से निपटने में सहायक होते हैं।
हालांकि काली मिर्च का अत्यधिक सेवन कुछ लोगों को परेशानी में डाल सकता है, जैसे कि पेट में जलन या अल्सर जैसी समस्याएँ। इसलिए, इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। कुल मिलाकर, काली मिर्च एक अद्भुत मसाला है जो न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है।