परिचय
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काजू एक प्रकार का सूखा फल है इसको Cashew Nuts भी बोला जाता है यह एक तरह का सुखदार फल है जो कश्यु के पेड़ से प्राप्त होता है, इसका व्यज्ञानिक नाम अनाकारडीयम आकीडेंटले है Kaju का पेड़ एक सामान्य रूप से उष्ण कटिबंध के क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका जब फल निकलता है तो उस फल के अंदर एक Kaju और एक छोटा सा चुरा होता है, ये फल न्यूट्रीशन से भरा होता है पोशक तत्वों में एक अच्छा स्त्रोत है।
Kaju को अक्सर खाने में इस्तेमाल किया जाता है और इसके तेल को निकाल कर इसका भी उपयोग किया जाता है , काजू का लोग कई प्रकार से उपयोग करते हैं जैसे मिठाई बनाने में , रेसीपी बनाने में ,आप Kaju Katli की मिठाई में देख सकते हैं । काजू की खेती कर के आप विदेशों में बेच कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं , और इसकी जानकारी नीचे दी गई है ।
Kaju Tree | काजू ट्री/पेड़ के बारे में जानकारी
काजू का पेड़ या Cashew Tree यह सामान्य रूप से 10 से 12 मीटर तक लंबा होता है इसके पत्ते लंबे और समतल होते हैं इसके फूल के बारें में बात करें तो वह इसका रंग सफेद से लगाकर गुलाबी के बीच में होता है पर जब इसके फूल निकलने का समय आता है तो इसका पूरा वृक्ष हरा-भरा दिखाई देता है ।
जब इसका फल आता है तो उस समय इसका बहुत ध्यान दिया जाता है क्योंकि यह अत्यंत महत्वपूर्ण भाग रहता है जब इसका फल बाहर निकलता है तो इस फल के अंदर से एक बड़ा Kaju और एक छोटा चुरा निकलता है इस चुरा को निकालने के लिए काफी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इस चुरा में उरुशिऑल नामक एक विषैला पदार्थ होता है पहले इसको हटाया जाता है इसके बाद काजू को धूप में सुखाया जाता है।
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Kaju Khane Ke Fayde के बारे में जानकारी
काजू खाने से कई फायदे है और भी इसके अलावा कई फायदे हैं
- पोषण से परिपूर्ण :– Kaju के अंदर पोषण तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है, ये प्रोटीन्स, विटामिन्स,और मिनिरल का अच्छा स्त्रोत है,काजू में विटामिन K, E, मैगनिसियम ,फास्फ़ोरस,और जिंक भी पाया जाता है जो हमारे शरीर के लिए काफी उपयोगी होता है ।
- दिल को स्वस्थ रखने में सहायक:- Kaju में एक प्रकार का एकलअसंतृप्त फैट होते है जो दिल को स्वस्थ रखने में लाभदायक होते हैं, ये कलेस्टरल को नियंत्रित करता है और दिल कर् रोगों से बचाता है ।
- खून में शक्कर को नियंत्रित:- Kaju खाने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है, इसमें पाए जाना वाला एंटी-आक्सिडेन्ट इंसुलिन को बढ़ाता है जिससे शुगर होने के काफी कम संभावना हो जाती है ।
- वजन नियंत्रित:- इसको खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता जिससे लोग खाना कम कहा पाते हैं ।
- दिमाग को स्वस्थ रखता है :- काजू में मैग्नीज़ीअम पाया जाता है जो हमारे दिमाग को तनाव से बचाता है और उससे तरो ताजा रखता है ।
- रसोई में इस्तेमाल :- इसको रसोई में कई तरह से उपयोग में लाया जाता है जैसे काजू की बर्फ़ी बन्नाने में,Kaju Katli बनाने में,मिठाई , त्योहारों में भी बनती है और इसके हट के काजू करी,काजू पुलाव आदि विभिन्न पकवानों में इसका उपयोग होता है ।
- काजू का तेल :- काजू का तेल त्वचा के लिए लाभदायक होता है।
भारत में Kaju का उत्पादन कहाँ और किस राज्य में होता है
भारत में भी अब लोग काजू की खेती पर ध्यान दे रहे हैं काजू भारत में कोललम,कोट्टायम,कसारगोद ,पलक्कड और मलप्पुरम जैसे जगह पर होता है कुछ राज्य हैं जहां Kaju का उत्पादन होता है केरल ,कर्नाटक,गोवा,महाराष्ट्र,ऑडिशा,और आंध्र प्रदेश आदि में खेती होता है भारत में ज्यादा दक्षिणी क्षेत्र में ज्यादा होता है अब धीरे-धीरे भारत भी काजू उत्पादन में आगे बढ़ रहा है और इसका व्यापार विदेशों में भी कदम बढ़ा रहा है और बढ़ भी रहा है क्योंकि इससे बहुत ज्यादा मुनाफा भी होता है ।
काजू की खेती किस तरह होती है और कैसी जलवायु चाहिए
जहाँ ऊपर मैनें बात दिया हो की ज्यादातर काजू की खेती दक्षिणी क्षेत्र में ही होती है आप देख कर समझ सकते है की केरल,कर्नाटक ,महाराष्ट्र ,ऑडिशा,प0 बंगाल आदि राज्य तटीय क्षेत्र है और यहाँ की जलवायु काजू के लिए अनुकूल होता है इसलिए यहाँ Kaju का उत्पादन करना आसान हो जाता है पर इन तटीय क्षेत्र के राज्य से जो राज्य सटे हुए हैं वह भी काजू की खेती होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे मध्य प्रदेश, झारखंड आदि में अब काजू हो रहा है ।
काजू की कुछ किसमें है जो इस प्रकार हैं उल्लाल-2, उल्लाल-4, वेगुरला-4,बी.पी.पी.-1,बी.पी. पी.-2 आदि इसकी बहुत अच्छी किसमें जानी जाती हैं काजू को उष्ण-कटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है और जो क्षेत्र 700 मीटर के ऊचाई पर रहता है वह पर होता है इसके लिए वार्षिक वर्षा की जरूरत होती है और तापमान 20 डिग्री से ऊपर का होना चाहिये इसे ज्यादा ठंड वाले क्षेत्र की जरुरत नहीं होती।
काजू की खेती के लिए मिट्टी लाल और लेटराइट मिट्टी की आवश्यकता होती है और मिट्टी का PH मान 8 होना चाहिए और खेत को समतल बनाकर इसकी बुवाई करवाएँ और घास-पुस से बचा के रखें । Kaju की खेती की तैयारी अप्रैल या मई में कर सकते हैं । काजू के पौधे को नरम लकड़ी ग्राफ्टिंग के विधि से तैयार किया जाता है,इसके खेत को अच्छे से उपजाऊ बनाए ताकि इसे वृद्धि होने में आसानी हो।
Kaju का Price भारत में कितना चल रहा है
भारत में फिरहाल Kaju का Price
न्यूनतम मंडी मूल्य | 50000 रु प्रति क्विंटल |
औसत मूल्य | 67500 रु प्रति क्विंटल |
उच्चतम मंडी मूल्य | 85000 रु प्रति क्विंटल है |
राज्य | प्रति रु |
बनारस में 1 किलो काजू का मूल्य | 1150 रु प्रति किलो |
मुंबई | 85000 रु प्रति क्विंटल |
मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश | 850 रु प्रति किलो |
केरल | 87000 रु प्रति क्विंटल |
अतः में ये कहना चाहता हूँ की काजू हर प्रकार से उपयोगी है व्यापार में ,सेहत में और भी विभिन्न प्रकार में इसकी मांग दिन पर दिन बढ़ रही है अगर आप काजू का रोपड़ करवाते हैं हैं तो अच्छा मुनाफा होगा और आर्थिक रूप से आप को काफी मदद मिलेगी ।