फसल सहायता योजना आवेदन 2024 | Bihar Fasal Sahayata Yojana 2024 Apply Online Now

फसल सहायता एक प्रकार का किसान सहायता है , अगर किसान की फसल 20 प्रतिशत तक बर्बाद हो जाता है तो उन्हें क्षति की पूर्ति करने के लिए उसके बदले में 7500 रुपए दिया जाता है । किसी कारण वश किसान की फसल 20 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हुआ है तो उन्हे 10000 ( दस हजार ) रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सरकार द्वारा ये रुपए मिलेंगे ।

Bihar Fasal Sahayata Yojana

अगर इसका लाभ उठाना चाहते है तो आपको राज्य फसल योजना के तहत रैयत , गैर रैयत किसान आवेदन कर सकते है। बिहार राज्य की सरकार इस योजना के तहत किसानों की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए ये योजना चलाती है ।

बिहार राज्य फसल सहायता योजना की जानकारी

नामफसल सहायता योजना
लाभार्थीबिहार राज्य के किसान
आवेदनशुरू हो गई है
विषयनिस्टफसल बर्बाद न हो उसके स्वरूप कृषि को बढ़ावा देने हेतु
मदद राशि7500 एंव 10000 रु
इस योजना की वेबसाईटhttps://pacsonline.bih.nic.in/fsy/login.aspx
होमपेजयहाँ से देखे

Fasal Sahayata का उद्देश्य

किसानों के फसल हानि की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान हेतु और भविष्य खेती करने के लिए हौसला बनवाए रखना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य है।Bihar Rajya Fasal Shayata Yojana इस योजना पर बिहार सरकार जोर -शोर से लगी हुई है।

बिहार फसल सहायता योजना में रबी के फसल में किसानों के द्वारा आनलाइन किया हुआ लिस्ट

जिलाकुल
आवेदन
गेहूँ
के लिए
आवेदन
मक्का
के लिए
आवेदन
चना
के लिए
आवेदन
मसूर
के लिए
आवेद
अरहर
के लिए
आवेदन
राई
के लिए
आवेदन
ईख
के लिए
आवेदन
आलू
के लिए
आवेदन
अरारिया505399416000000
अरवल1099311687506800
औरंगाबाद2796025598940229172302130571845400
बांका540805295915029383702721649982101200
बेगुसराई2234021883172620269412571205021956783
भागलपुर59268557441873522851210151629807710500
भोजपुर132681226117671000198622186772800
बक्सर4909478439626352098637157900
दरभंगा621416158620788027017138091752020520
चंपारण236787174779102528013900201210371391314932
गया548375457698212607128237837430413013878
गोपालगंज12014118311789005392463448847
जमुई8650584190664177604781614469768260400
जहनाबाद26252458508204323440000
कैमूर30428361681073116800
कटिहार1910722156902100167195
खगरिया140481188513463013770376900
किशनगंज3464717344506012900
लखिसराई57304668884484949350332600
मधेपुरा4110244034280163021100
मधुबनी282542811812920156480550405729
मुंगेर78007102317828392470029341190
मुजफ्फरपुर7394171758251101081516091945732545586
नालंदा30659293091776126413289971372429262022281
नवादा4377433227519491964506169600
पटना216041962983791925720374368320222011458
पूरनिया55433068542801650313600
रोहतास124612398205552017900
सहरसा4025540019163220500601013600
समस्तीपुर1035991030658339105967810117123409422005
सारण13470134165201006573464711701
शेखपुरा153391502125131353514281 0950900
शिहोर285962559219912018891014535820
सीतामढ़ी5558354037186950288290226214788263
सिवान10019996445900974198944942801962
सुपौल166841626210965011640110500
वैशाली21224210241115800355353102880
चंपारण24021228113717067191062410129212270

Fasal Sahayata Yojana का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी फसल बीमा के लिए आवेदन करना चाहिए क्योंकि किसानों द्वारा की गई मेहनत को कभी- कभी प्राकृतिक आपदा पल भर में तहस – नहस कर देती है , इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने फसल सहायता योजना चलाई है ।

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यह बीमा निः शुल्क होता है ,इस योजना के तहत फसल खराब होने कगार में किसानों को फसल पर सहायता राशि प्रदान की जाती है जिससे उनका नुकसान भरपाई हो सके ।

इस योजना मे दोनों फासल रबी और खरीफ की फसल पर सहायता होती है , आवेदक किसानों उनकी फसल जो प्राकृतिक आपदा से ग्रसित हुई है उस क्षेत्र की जांच की जाति है उनके द्वारा की गई शिकायतो का मद्देनजर रखते हुए ।

Bihar Rajya Fasal Sahayata yojana में दोनों फसल की सहायता प्रदान है एक रबी दूसरी खरीफ,रबी फसल वे होते जो अकटूबर या नवम्बर के महीनों में बोई जाती है जैसे:- गेहूँ ,आलू .जौ,चना ,अलसी, मटर , और सरसों ये सब रबी फसल होते हैं ।

दूसरी खरीफ की फसल ये वे होते है जो जून – जुलाई में बोया जाता है क्योंकि इन्हें शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है और अकटूबर के आस – पास काट लिया जाता है ये वो फसल है जैसे :- धान ,मक्का ,ज्वार ,बाजरा ,मूंग ,मूंगफली ,गन्ना ,सोयाबीन,उडद तुअर, कुल्थी,जुट ,सन ,कपास आदि सामील हैं ।

फसल सहायता योजना का आवेदन प्रक्रिया

bihar rajya fasal sahayata yojana में आवेदन कैसे करें आइए जानते हैं सबसे पहले आपके पास क्या- क्या होना चाहिए वो इकठा कर लें ।

  • एक आपकी फोटो जो 50 KB से कम हो ।
  • पहचान पत्र जो 400 KB से कम हो ।
  • आवासीय प्रमाण पत्र 400 KB से कम और PDF प्रारूप में होना चाहिए।
  • बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रति 400 KB से कम का होना चाहिए वो भी PDF में ।
  • आवेदन के समय किसानों को सिर्फ फसल एवं बुआई का रकवा की जानकारी देनी हैं ।

मोबाईल नंबर आधार कार्ड फसल सहायता योजना की राशि बिहार राज्य के कुल 2 लाख 40 हजार किसानों को योजना की राशि जारी करने के संबंध में बताया गया है।

अब तक फसल सहायता की ओर से 68 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है लेकिन 15 लाख 66 हजार किसानों को भुगतान किया जा चुका है और बचे लाभार्थियों को अब राशि दी जाएगी ये उन्ही को लाभ मिलेगा जिनकी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को हानि आई है या हानि आ रही है । इसमे की प्रकार के किसान शामिल है जैसे :- रैयत किसान , रैयत एवं गैर रैयत किसान , गैर रैयत किसान ये तीन प्रकार के किसान को शामिल किया गया है ।

रैयत किसान के पास क्या – क्या होना चाहिए , उनके पास

  • किसान पंजीकरण ।
  • आधार कार्ड बैंक।
  • पासबुक ।
  • आधार से रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर।
  • ईमेल आईडी ।
  • फ़ोटो ।
  • भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या लगन रसीद और स्वयं घोषणा पत्र होना चाहिए ।
  • रैयत एवं गैर रैयत दोनों किसान के लिए दस्तावेज
  • किसान पंजीकरण ।
  • आधार कार्ड बैंक ।
  • पासबुक आदि जो रैयत किसान को लग रहा है वही दस्तावेज आपको भी लगेगा ।
  • गैर रैयत किसान को भी वही दस्तावेज लगेंगे जो रैयत किसान के लिए मांगा गया है बस इसमे परिवार के एक ही सदस्य को ही लाभ मिलेगा ।

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बिहार राज्य फसल सहायता योजना की क्या विशेषताएं हैं

  1. फसल सहायता योजना एक प्रकार से किसान की सहायता है जो की बिहार सरकार द्वारा शुरू किया गया है ।
  2. अगर आप इस योजना से लाभ उठाना चाहते है तो आप फसल बीमा की सहायता ले सकते हैं ।
  3. इस बीमा के तहत आप कई प्रकार के लाभ उठा सकते है जैसे कोई प्राकृतिक आपदा सूखा , बाढ़ , आंधी – तुफान के कारण हुए फसल नष्ट के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है ।
  4. फसल सहायता योजना के तहत आपको तब लाभ मिलता है जब आपकी फसल 20% से ज्यादा नुकसान होता है तो आपको प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आपको 10000 रु प्रदान किए जाते हैं ।
  5. अगर आपकी फसल 20% से कम  नुकसान हुआ है तो इस योजना के तहत 7500 रु प्रदान किए जाएंगे ।
  6. यदि आप गेहूँ , चना , सरसों आदि की खेती कर रहे हैं तो आपको आवेदन कर देना चाहिए ।

लाभ क्या है फसल सहायता योजना का

  1. लाभ उन्ही को मिलेगा जो बिहार राज्य के निवासी हैं ।
  2. जिनका फसल किसी प्राकृतिक संकट के कारण नष्ट हुआ है उन्ही किसानों को ये लाभ मिलेगा ।
  3. ये लाभ प्रति हेक्टेयर के नुकसान के हिसाब से मिलेगा ।
  4. अगर नुकसान 20% से अधिक है तो 10000 रु मिलेगा ।
  5. अगर नुकसान 20% से कम है तो 7500 रु मिलेगा ।
  6. ये धनराशि बिहार सरकार के द्वारा प्रदान किए जाएंगे ।
  7. ये धनराशि किसान के बैंक खाते में भेजे जाएंगे जो खाता फसल सहायता योजना के तहत जुड़ा हुआ है।
  8. आपका बैंक खाता आपके आधार से जुड़ा होना चाहिए ।

फसल सहायता के बारे मे और भी विस्तार से जाने फसल सहायता एक तरह का महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिससे कृषि उपचार और फसल के विकास में मदद करता है फसल सहायता में कई प्रकार सहायता शामिल होते हैं जैसे कृषि तकनीक , बिजाइ , पोशाक और जलवायु के आधारित सुझाव शामिल होते हैं , फसल को विकसित करते समय बहुत से बातों को ध्यान मे रख कर करना चाहिए , आइए विस्तार से समझे । 1. कृषि तकनीक :- फसल सहायता में कृषि तकनीकों को अपनाना चाहिए , अलग-अलग नए तरह के नए उत्पादन को बढ़ाने के लिए सही समय पर और सही तरीके का उपयोग करना चाहिए जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी आए ।

2. बीजों में सुधार करना :- फसल सहायता के अंतर्गत बीजों को सुधार करना एक नए नस्ल का बीज पैदा करना ताकि एक स्वस्थ फसल उग सके और पहले से ज्यादा अनाज पैदा हो सके,किसान को उचित बीज का चयन करना उनका बढ़िया तरीकों का इस्तेमाल करना उनके साथ आने वाली संकट का सामाना करना फसल सहायता के अंदर आटा है जो खेतों की वृद्धि और बेहतर तरीकों को बढ़ावा देता है।

बीजों में सुधार करने के लिए किसानो को बीज चयन का सही इस्तेमाल करना चाहिए बीज चयन तकनीक और वैज्ञानिक तथ्यों का ध्यान रखना चाहिए । प्रयोगशाला में अध्ययन करना चाहिए ,बीज सुरक्षा का ध्यान भी रखना चाहिए बीज को रोग से बचाना चाहिये ,और प्रमुख या प्रचलित दवाओ का इस्तेमाल करना चाहिए जो बीज को सुरक्षा प्रदान करें ,किसानों को लैबोरेटरी द्वारा चयनित बीज का इस्तेमाल करना चाहिए।

ऑर्गनीक बीज का चयन करना चाहिए और कुछ परंपरागत तरीकों का इस्तेमाल भी स्वाभाविक रूप से विकास होता है ,इससे बीजों को सुरक्षा मिलती है ,ये नई तकनीक करके बीजों की वृद्धि में सिधार होता है आधुनिक तरीकों से बीजों का उचित पोषण मिलता है।

फसल सहायता योजना के तहत बीजों तक पहुँचने में मदद मिलता है ,इससे किसानों को कृषि ज्ञान मिलता रहता है , बीज ज्ञान में नया विकास पर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है इससे नया आधुनिक तरीके का इस्तेमाल बीजों की वृद्धि मे मदद मिलती है ।

3. जलवायु :- मौसम की जानकारी अगर किसान को समय – समय पर मिलती रहेगी तो वह उसके हिसाब से खेती कर सकेंगे और अपनी फसल की देखभाल कर सकेंगे क्योंकि फसल के लिए जलवायु एक अहम भूमिका प्रदान करती है।

कुछ बीज गर्मी के मौसम में , तो कुछ ठंडी के मौसम में उगते है , बीजों के विकास पर तापमान का का प्रभाव बहुत मदद करता है बीज अपने तापमान के अनुकूल में उगते है , कभी – कभी वर्षा का असर बीजों के विकास पर पड़ता है ज्यादा मात्रा में बारिश भी नुकसान कर देता है इसलिए जल भी उनके अनुकूल होना चाहिए

वायुमंडल में होने वाले परिवर्तन और तूफ़ानों का प्रभाव बीजों को प्रभावित कर देता है जैसे आँधी , तूफान इन सब से बचने के लिए फसल सहायता का उपयोग करना चाहिए । पानी का भी उपयोग उसके अनुरूप होना चाहिए ज्यादा पानी बीजों को नुकसान कर सकता हैं ,किसानों को अपने क्षेत्र के अनुकूल बीजों के विकास को समझ कर उसका इस्तेमाल करना चाहिए , जलवायु परिवर्तन का ध्यान किसानों को रखना चाहिए , इन जलवायु परिवर्तनों से किसान को घबराना नहीं चाहिए न समझ आए तो फसल सहायता के तहत मदद लेते रहना चाहिए , जलवायु के बारे में जानकारी इकट्ठा करना चाहिए ।

4. उर्वरक :- फसल सहायता में उर्वरक एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं किसान को चाहिए की फसल में सही समय पर सही मात्रा में कृषि भूमि को उर्वरक बनाए रखे जिससे फसल को स्वस्थ और वृद्धि होने में मदद मिलती है और रोगों से मुक्त रहते हैं।

उर्वरक खेतों के फसल के लिए बहुत उपयोगी होता है , अगर आप खेत को ज्यादा उपजाऊ बनाना चाहते है तो आपको नाइट्रोजन का इस्तेमाल करना चाहिए जो हरी सब्जी , अनाज, के लिए फायदे करते है , फास्फरस बीजों के विकास के लिए उपयोगी हैं इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं और भी बहुत सारे हैं जैसे :- आइरॉन ,जिंक , मैंगनीज आदि जो आपके खेतों को उपजाऊ बनाते है आपको ध्यान ये रखना होगा की आपके खेत में किस चीज की कमी है उसके हिसाब स आप उसका चयन लर सकते हैं , पोषक तत्व मिट्टी सुधारने में मदद करते हैं , काली मिट्टी उनमे से एक है जो बहुत उपजाऊ मानी जाती है।

5. कृषि के लिए बीमा :- किसानों को फसल सहायता के लिए कृषि बीमा करवा लेना चाहिए जिससे कृषि हानि होने पर उन्हे मदद मिल सके , बीमा नुकसान से बचाने का एक अहम रोल प्रदान करता है । जैसे प्राकृतिक आपदा सूखा , ज्यादा बारिश , तूफान आदि से बचने के लिए फसल सहायता की जरूरत पड़ती है , व्यवसाय में काफी मदद करता है , कभी -कभी फसल हानि का सामना करना पड़ता है जो इसकी भरपाई करने हेतु इसका उपयोग किया जा सकता है ।

6. प्रशिक्षण :- फसल सहायता के लिए नए तकनीकों का प्रशिक्षण देना भी एक अहम हिस्सा है क्योंकि प्रशिक्षण से किसान अपने अनुकूल नए जमाने का तकनीक इस्तेमाल कर् सकेंगे और एक सुंदर फसल तैयार कर पाएंगे ।

7. सरकार की योजना :- फसल सहायता योजना भी एक योजना है जो सरकार के द्वारा चलाई जाती है यह योजना किसान की फसल की देख रेख में शुरू किया किया गया है जैसे कृषि लोन , सब्सिडी , फसल हानि, सुझाव , मौसम की जानकारी आदि में मदद करता है।

फसल सहायता एक तरह से किसान के लिए रीढ़ की तरह सुरक्षा प्रदान करता है , भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना ये एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमे किसान इस योजना मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है उन्हे इस योजना से काफी लाभ मिलता है ये योजना नुकसान होने में मदद करता है कृषि विकास योजना कृषि क्षेत्रों में अच्छी फसल उत्पादित करने मैं मदद करता है। ये भी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव में मदद करती है खेतों को बारिश , सूखा आदि से बचाने का प्रयास किया जाता है ।

फसल सहायता जैसी योजना की जरूरत क्यों पड़ती है आइए जानें

इन योजना की जरूरत बहुत ही आवश्यक होती है भारत सरकार ने कई क्षेत्रों में विकास की स्थिति देखकर उसमें सुधार करने और सामाजिक आर्थिक स्थिति को को मजबूत बनाने के लिए कई तरह के योजना शुरू की है और करती रहती है । ये सब योजनाएँ देश के विकास में प्रमुख भूमिका निभाती हैं जैसे फसल सहायता योजना और एक समृद्ध समाज की दिशा में कई कदम बढ़ाने में सहायक होती हैं आइए थोड़ा ठीक से समझें ।

  1. गरीबों का कल्याण:- इन् सब योजना से गरीबों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए किया जाता है जैसे प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब परिवारों को सुरक्षा उनके स्वास्थ की सुविधा और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है इन सब से उनके जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है और एक नई सोपान की ओर बढ़ते हैं। दूसरा है महात्मा गांधी नैशनल रुरल इम्प्लॉइमेंट गारंटी ऐक्ट यानि मगनरेगा यह ऐसी योजना है जो गरीबों को रोजगार की सुविधा देती है और उनकी आर्थिक सुधार में योगदान देती है यह मगनरेगा गावों को सुधार करनें मे योगदान देता है।
  2. शिक्षा में सहायता :- सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया है जो सर्व शिक्षा अभियान के नाम से जाना जाता है इस अभियान का लक्ष्य है की पूरे देश में शिक्षा को मुफ़्त में प्रदान करना जिससे देश के हर कोने से बच्चे आए और शिक्षा हासिल करें जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो । इसमें एक और योजना आती है प्रधान मंत्री विद्या लक्ष्मी योजना इस योजना के तहत विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृति और लोन मिलता है इससे शिक्षा हासिल करने में आर्थिक सहयोग मिल जाता है ।
  3. रोजगार प्रदान करना :- रोजगार प्रदान करने के लिए प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना इस प्रकार का योजना नौकरियों के लिए जरूरत कुशलता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रहता है इसके तहत क्षेत्र में बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं और भी है जैसे:- स्टार्ट उप इंडिया ये योजना का मुख्य लक्ष्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है इससे नए बिजनेस शुरू करने वाले को मदद और प्रोत्साहन मिलता है ।
  4. कृषि निर्माण:- प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना यह योजना किसानों को आपदाओं और असुविधाओं के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इससे किसानों को उनकी फसल की सुरक्षा और आर्थिक सहायता मिलता है, किसान क्रेडिट कार्ड योजना इस तरह किसानों को सस्ता लोन और सुविधाओं का लाभ मिलता है इससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके ।
  5. स्वच्छ भारत अभियान :- इस अभियान के द्वारा साफ सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कदम रखा जाता है जिसके अंतर्गत शहरों में शौचालय और गावों में भी शौचालय व साफ-सफाई की सुविधाओं को सुधारने का प्रयास किया जाता है ।

यह सारी योजना के माध्यम से सरकार को सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान करती है यह कई क्षेत्रों में समाज के प्रति एक अच्छा और सुलभ व सार्थक प्रयास किया है जो देश को आगे ले जानें में मदद करता है ।

भारत एक कृषि प्रधान देश है और इस देश में रोजगार और आर्थिक विकास के लिए खेती से अपना जीवन निर्वाह करते हैं फसल की अच्छी तरह देखभाल करते हैं और ये बहुत ही महत्वपूर्ण है इसी के तहत ये फसल सहायता शुरू किया गया है । इस सहायता का मुख्य उद्देश्य है की वे कई तरह के कठिनाई का सामना करनें में सहायता करना है इसके तहत किसान बीमा , लोन और कई तकनीक सहायता और बाजार एकीकरण के लिए सहायता प्रदान करना है ।